बिहार में गंगा नदी पर आधा दर्जन पुलों का निर्माण होना है जिसमें कई पुलों का डिज़ाइन जारी कर निर्माण कार्य भी शुरू होने हाई वाला था, इसी बीच एक बड़ी समस्या ने सभी पलो के निर्माण को पूरी तरह ठप कर दिया है। बता दें की बिहार में गंगा नदी पर बनने वाले फ़ोरलेन पूल कुछ इस प्रकार है। पहला बिहार के भागलपुर ज़िले में विक्रमशीला सेतु के समानांतर फ़ोरलेन पूल।

 

दूसरा शेरपुर दिघवारा, तीसरा पटना में जेपी सेतु के समानांतर दिघा से सोनपुर के बीच ब्रिज का निर्माण, चौथा पटना में गांधी सेतु के समानांतर ब्रिज का निर्माण, पाँचवा मोकामा में राजेंद्र सेतु के समानांतर ब्रिज का निर्माण जो अभी जारी है, छठा साहेबगंज से मनिहारी के बीच ब्रिज का निर्माण होना है। लेकिन भारतीय अंतर्देशिय जलमार्ग प्राधिकरण के अनुसार इस पुलों के निर्माण को अनुमति नहि दी गयी है।

 

 

इसका वजह कुछ तकनीकी है, चुकी जलमार्ग प्राधिकरण के अनुसार गंगा नदी पर बन रहे सभी पुलों के पूरे हिस्से का स्पैन 100 मीटर फ़ासले का होना चाहिए, अगर यह फ़ासला कम हुआ तो जलमार्ग प्राधिकरण ऐसे पुलों के निर्माण को मंज़ूरी नहीं देगा। इसी वजह से भागलपुर के विक्रमशीला फ़ोरलेन पूल के निर्माण का रोक लगा दी गयी है।

 

जलमार्ग प्राधिकरण के अनुसार अगर स्पैन का फ़ासला 100 मीटर से कम होगा तो जलमार्ग से मालवाहक जहाज़ नहीं गुजर पाएँगे, ऐसे में सरकार द्वारा जलमार्ग से मालवाहक जहाज़ों तथा क्रूज़ के संचालन के सपने धरे के धरे रह जाएँगे। इसके अलावा एक और वजह से अगर स्पैन का फ़ासला 100 मीटर से कम होगा तो पानी का बहाव भी सही तरीक़े से नहीं हो पाएगा।

 

 

जलमार्ग प्राधिकरण के इस फ़ैसले से विक्रमशीला सेतु के समानांतर निर्माण शुरू होने वाले प्रोजेक्ट की निविदा की प्रक्रिया फिर से शुरू होगी, मौजूदा डिज़ाइन के अनुसार पूल में कई जगहों पर 50 मीटर पर स्पैन है, अब विक्रमशीला के समानांतर पूल बना रहे एजेन्सी का कहना है की सौ मीटर पर स्पैन बनाने के लिए मौजूदा बजट में और राशि की ज़रूरत पड़ेगी, जो लगभग 400 करोड़ रुपए है। अब इस राशि के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से किसी भी प्रकार की सहमति नहीं मिली है।

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