राज्य में भूमि सर्वेक्षण के बाद ही चकबंदी के लिए अभियान चलेगा। इस समय पुराने शाहाबाद और उत्तर बिहार में गोपालगंज जिला के कुछ अंचल चकबंदी के लिए अधिसूचित हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग धीरे-धीरे इन अंचलों से चकबंदी में लगे कर्मियों को हटा रहा है। उन्हें सर्वे में लगाया जा रहा है।
सोमवार को ऐसा ही आदेश गया जिला के आमस अंचल के लिए जारी हुआ। राजस्व विभाग के इन आदेशों से संबंधित अंचल के रैयतों को राहत मिल रही है। बिहार में चकबंदी के लिए 1956 में ही अधिनियम बना था, लेकिन आज तक पूरे राज्य की चकबंदी नहीं हो पाई।
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कुछ जिलों में यह शुरू भी हुई तो देरी के चलते रैयतों की परेशानी बढ़ गई, क्योंकि चकबंदी के लिए अधिसूचित क्षेत्र में जमीन की खरीद-बिक्री और आपसी बंटवारा पर भी रोक लग जाती है। रैयतों की मांग थी कि सरकार समय सीमा के भीतर चकबंदी कराए या इसे स्थगित कर दे।
सोमवार को गया जिला के आमस अंचल के लिए स्थगन आदेश जारी किया गया। इस अंचल के अधिसूचित 10 गांवों में चकबंदी की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। ये गांव हैं : सिमरी, बनकट, करमाइन, अलहुआचक, अकौना, हमजापुर, झरी, मझौलिया (दो मौजा) और लेंबुआ।
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