घोरघट (मुंगेर)-मिर्जाचौकी एनएच-80 के निर्माण पर ग्रहण लग गया है। ठीकेदार ने निर्माण कार्य में आर्थिक नुकसान होने का हवाला दे काम करने से इन्कार कर दिया। अब मामला री-टेंडर में फंस गया है। इस प्रक्रिया से गुजर कर निर्माण कार्य शुरू होने में अब डेढ़ साल का वक्त लगेगा। महाराष्ट्र के औरंगाबाद की एजी कंस्ट्रक्शन कंपनी को टेंडर आवंटित हुआ था। कंपनी ने निर्धारित टेंडर राशि से 25 प्रतिशत कम दर पर टेंडर लिया था। लेकिन जब एग्रीमेंट और सिक्युरिटी मनी जमा करने के बारी आई तो ठीकेदार पीछे हट गया।
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दो भाग में हुआ था सड़क का टेंडर
दो भाग में सड़क का टेंडर हुआ था। घोरघट से दोगच्छी नाथनगर और जीरोमाइल से मिर्जाचौकी तक। एजेंसी ने घोरघट-नाथनगर दोगच्छी के बीच निर्धारित टेंडर राशि 398.88 करोड़ से 25 फीसद कम 299.16 करोड़ में टेंडर किया था। इसी तरह जीरोमाइल-मिर्जाचौकी के बीच निर्धारित 484.88 करोड़ की राशि से 25 फीसद कम 363.66 करोड़ में टेंडर किया था। इस सड़क के लिए कुल 38 एजेंसियों ने टेंडर अपलोड किया था। सबसे कम दर पर टेंडर भरने के कारण एजी कंस्ट्रक्शन कंपनी को काम मिला था। एजेंसी द्वारा शपथ पत्र भी भरा गया था।
निर्माण कार्य के लिए 971 करोड़ की मिल चुकी है स्वीकृति
दो हिस्से में बनने वाली सड़क के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से 971 करोड़ राशि की स्वीकृति मिल चुकी है। सड़क 10 मीटर चौड़ी की जाएगी। आवश्कता अनुसार कुछ जगहों पर तीन तो कुछ जगहों पर सड़क फोरलेन भी होगी। कई पुल व एक सौ कलवर्ट का निर्माण होना है। सड़क किनारे पौधारोपण होना है। कहलगांव और पीरपैंती के बीच टोल प्लाजा बनना है। सड़क निर्माण में बाधक बने बिजली खंभे, चापाकल और जलापूर्ति पाइपों को हटाया जाएगा। इसपर 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दो चरणों में सड़क का निर्माण होना है। जीरोमाइल से पीरपैंती के बीच सड़क के दोनों ओर ड्रेन बनेगा। इसका उपयोग फुटपाथ के रूप में होना है। जीरीमाइल, सबौर, घोघा, पीरपैंती, त्रिमुहान, शिवनारायणपुर के पास जंक्शन (गोलंबर) बनना है। इसके लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया चल रही है।
प्रतिदिन 25-30 हजार वाहनों का होता है परिचालन
इस मार्ग पर प्रतिदिन 25-30 हजार वाहनों का परिचालन होता है। यह व्यावसायिक कार्यों का मुख्य मार्ग है। मिर्जाचौकी से बिहार, नेपाल, पश्चिम बंगाल में पत्थर की आपूर्ति इसी मार्ग की जाती है। कहलगांव एनटीपीसी से सहरसा, मधेपुरा, बेगूसराय, पूर्णिया और किशनगंज फ्लाईएश ले जाने का भी यही मुख्य मार्ग है।