भागलपुर में एक महत्वपूर्ण परियोजना को मंजूरी मिल गई है जो राज्य के विकास और कनेक्टिविटी के लिहाज से बेहद अहम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विक्रमशिला-कटरीया रेल लाइन परियोजना को हरी झंडी दे दी है। इस परियोजना की कुल लागत ₹2549 करोड़ है, और इसके तहत भागलपुर में गंगा नदी पर एक नया रेल पुल बनाया जाएगा।
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विक्रमशिला-कटरीया रेल लाइन परियोजना 🚉
- पुल का निर्माण: यह भागलपुर का पहला और बिहार राज्य का पांचवां रेल पुल होगा। यह पुल 26.23 किलोमीटर लंबा होगा और गंगा नदी पर बनेगा।
- कनेक्टिविटी: यह पुल न केवल भागलपुर के दो प्रमुख स्थानों को जोड़ेगा, बल्कि कोसी और सीमांचल क्षेत्र को पूर्वी बिहार (अंग क्षेत्र) से भी रेल मार्ग द्वारा जोड़ेगा। इससे इन क्षेत्रों के बीच यात्रा समय में कमी आएगी और गतिशीलता में सुधार होगा।
- विकास का नया अध्याय: यह पुल भागलपुर के विक्रमशिला सेतु, उसके समानांतर निर्माणाधीन नया पुल, और सुल्तानगंज-अगुवानी पुल के साथ मिलकर क्षेत्र की कनेक्टिविटी को और भी बेहतर बनाएगा।
परियोजना की पृष्ठभूमि 📜
यह परियोजना कई वर्षों से लंबित थी। इसे 2016-17 के विनियोग बजट में शामिल किया गया था, और तब इसकी अनुमानित लागत ₹4500 करोड़ रखी गई थी। पिछले साल इस परियोजना के एलाइमेंट का सर्वे किया गया था, जिसमें पाया गया कि अधिकतर जमीन गंगा नदी के क्षेत्र में है, जिससे भूमि अधिग्रहण में चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं।
पुल का डिज़ाइन और कनेक्टिविटी 🏗️
- वाई आकार का डिज़ाइन: पुल का डिज़ाइन वाई आकार का होगा, जिसमें उत्तर में कटरीया और नवगछिया और दक्षिण दिशा में विक्रमशिला और शिवनारायणपुर स्टेशनों की तरफ नई रेल लाइनें जुड़ेंगी।
- गतिशीलता में सुधार: नई रेललाइन से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी और परिवहन की गतिशीलता में सुधार होगा।
- राजमार्ग से जुड़ाव: यह पुल नवगछिया में एनएच-31 और कहलगांव के एनएच-80 को भी जोड़ेगा, जिससे सड़क परिवहन में भी सुधार होगा।
इसका सीधा तौर पर फायदा यह होगा कि नवगछिया से दौड़ रही वंदे भारत एक्सप्रेस और राजधानी समेत कई अन्य ट्रेन है भागलपुर के लिए भी सीधे तौर पर उपलब्ध हो जाएंगे. भागलपुर से नवगछिया पहुंचने में अब रेल के द्वारा संभव होगा और लगभग आधे घंटे लगेंगे.