भागलपुर-गोड्डा-हंसडीहा-दुमका व बांका सेक्शन में ईएमयू ट्रेन चलने का रास्ता साफ हो गया है। मंदारहिल सेक्शन का पूर्ण विद्युतीकरण होने के बाद भागलपुर के रास्ते चलने वाली गोड्डा-नई दिल्ली हमसफर एक्सप्रेस इलेक्ट्रिक इंजन से परिचालन किया गया। मंगलवार से गोड्डा-रांची एक्सप्रेस भी इलेक्ट्रिक इंजन चलाई जाएगी। इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का परिचालन शुरू होने साथ ही अब इस सेक्शन में ईएमयू ट्रेन चलाने की भी योजना है। काम शुरू हो चुका है।
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रेलवे के अधिकारी के अनुसार जुलाई-अगस्त में ईएमयू ट्रेन का परिचालन शुरू होना है। इधर, इलेक्ट्रिक इंजन से परिचालन होने से डीजल की खपत में काफी कमी आ जाएगी। रेलवे की रिपोर्ट के अनुसार डीजल इंजन की क्षमता के हिसाब से टैंक को तीन कटेगरी 5,000 लीटर, 5,500 लीटर और 6,000 लीटर में बांटा गया है। वहीं, ट्रेन के लोड के उपर डीजल इंजन में प्रति किलोमीटर की औसत खपत तय होती है। डीजल इंजन का माइलेज कई चीजों पर निर्भर है। 12 कोच वाली पैसेंजर ट्रेन छह (06) लीटर में एक किलोमीटर, 24 कोच वाली एक्सप्रेस ट्रेन छह लीटर में एक किलोमीटर और 12 डिब्बों वाली एक्सप्रेस ट्रेन 4.50 लीटर में एक किलोमीटर माइलेज देती है।
एक्सप्रेस और पैसेंजर के माइलेज में अंतर का मुख्य कारण पैसेंजर ट्रेनों का सभी स्टेशनों पर रुकना है। साथ ही उसमें ब्रेक और एक्सीलेटर का इस्तेमाल भी ज्यादा होता है। ऐसी स्थिति में ट्रेन का माइलेज एक्सप्रेस ट्रेन की तुलना में कम हो जाता है।
दूसरी ओर मालगाड़ी में माइलेज अलग-अलग होता है। इसमें कई बार वजन ज्यादा होता है, तो कई बार गाड़ी खाली चलती है। अगर मालगाड़ी पर वजन बहुत ज्यादा है तो माइलेज भी कम ही होगा, लेकिन यदि मालगाड़ी पर वजन कम है तो माइलेज ज्यादा होगा।