नमामि गंगे योजना के तहत सर्वे करने आई टीम के विमान को लगभग 20 मिनट तक हवा में ही चक्कर काटना पड़ा क्योंकि भागलपुर एयरपोर्ट के रनवे पर मवेशियों का झुंड था। जब विमान के आने का सिग्नल मिला तो पुलिसकर्मियों ने मवेशियों के झुंड को एक तरफ कर दिया। लेकिन जैसे ही विमान लैंडिंग पोजिशन में आयी, विमान की आवाज सुनकर मवेशियों का झुंड वापस रनवे पर पहुंच गया। इस दौरान पुलिसकर्मी और दंडाधिकारी मवेशियों के पीछे भागते रहे।
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जबतक मवेशियों को हटाया गया, तबतक विमान को 10 चक्कर काटना पड़ा। विमान को शहर के ऊपर आकाश में चक्कर काटता देख लोगों के बीच कौतुहल हो गया। एयरपोर्ट मैदान में पहले से भी काफी लोग मौजूद थे। कोई गाड़ी सीख रहे थे तो कोई खेल रहे थे। जब विमान को आकाश में चक्कर काटते देखा तो कई लोग एयरपोर्ट पहुंच गए। स्थिति यह हुई कि जब विमान रनवे पर उतरा तो रनवे के दोनों तरफ लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई थी।
विमान की लैंडिंग के लिए जिला प्रशासन से पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी मनोज कुमार को दंडाधिकारी नियुक्त किया गया था। उन्होंने बताया कि पहले से एयरपोर्ट परिसर में काफी संख्या में मवेशी थे। यहां आने पर मवेशियों को एक तरफ कर दिया गया। लेकिन विमान की आवाज सुनकर मवेशी अनियंत्रित हो गए और भागकर रनवे पर पहुंच गए। रनवे से लोगों को हटाने में भी समय लगा। इसके कारण विमान को लैंडिंग के लिए इंतजार करना पड़ा।
तो क्या विमान की लैंडिंग सुरक्षित नहीं…
अलबत्ता भागलपुर से हवाई सेवा की मांग हो रही है। एयरपोर्ट के रखरखाव पर करोड़ों रुपये खर्च भी किए जा रहे हैं। अभी भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से एयरपोर्ट की घेराबंदी के लिए सामग्री इकट्ठी की जा रही है। कुछ काम भी शुरू हो गया है लेकिन एयरपोर्ट परिसर विमान की लैंडिंग के लिए सुरक्षित नहीं है। जिस तरह की गतिविधि एयरपोर्ट मैदान में रहती है उससे किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।