झारखंड के मधुपुर में उपचुनाव का परिणाम आने के पांच महीने बाद एक बार फिर चुनावी महासमर की तरह देवघर से लेकर रांची तक राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में भूचाल आ गया है। देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के निर्देश पर एक दिन में अलग-अलग थानों में पांच केस सांसद निशिकांत दुबे पर अधिकारियों ने किए हैं। इस पर सांसद ने कहा कि पिक्चर अभी बाकी है।

 

भाजपा ने आक्रोश जताते हुए कहा, देवघर जिला प्रशासन सत्ताधारी दलों के वर्कर की तरह काम कर रहा है।

उसने इसकी शिकायत राज्य निर्वाचन पदाधिकारी से की। इस विवाद से मंत्रिमंडल निर्वाचन आयोग ने पल्ला झाड़ लिया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रविकुमार ने कहा कि इस मामले को भारत निर्वाचन आयोग स्वयं अपने स्तर से देख रहा है। जो भी कार्रवाई होगी आयोग के स्तर से होगी। इसमें राज्य के मंत्रिमंडल निर्वाचन विभाग की कोई भूमिका नहीं है।

 

पांच प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मंगलवार को सांसद निशिकांत दुबे ने फेसबुक वाल पर कई पोस्ट किया।

एक पोस्ट में लिखा है कि पांच थाना में महाराजा के कहने पर मेरे ऊपर प्राथमिकी हुई है। मुख्यमंत्री जी आपके जिला उपायुक्त को पता नहीं मधुपुर उपचुनाव में आयोग ने उन्हें हटा दिया था। कानूनी कार्रवाई तो अब उपायुक्त पर होगी। इंतजार करिये, खुशखबरी है मेरे लिए। दूसरी पोस्ट में सांसद ने कार्यकर्ताओं से शांत रहने की अपील की।

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