विकास कार्यो पर री-टेंडर का ग्रहण लगता जा रहा है। पहले घोरघट (मुंगेर)-मिर्जाचौकी एनएच-80 का टेंडर रद हुआ और अब बिहार और झारखंड को जोड़ने वाली चीर नदी पर बनने वाले पुल का टेंडर रद कर दिया गया है। री-टेंडर की प्रक्रिया अपनाने से निर्माण कार्य शुरू होने कम से कम एक साल और लग सकता है। जबकि 58 साल पुराना पुल मरम्मत के लायक भी नहीं रह रहा है। ऐसी परिस्थिति में पुल का अस्तित्व मिट सकता है।

 

भागलपुर-गोड्डा मार्ग पर पंजवारा के पास चीर नदी पर बनने वाले पुल का टेंडर 16 जुलाई को ही खोला जाना था।

जिस समय टेंडर हुआ था, उस दौरान एनएच विभाग, भागलपुर प्रमंडल के मनोरंजन कुमार पांडेय कार्यपालक अभियंता और प्रदीप कुमार अधीक्षण अभियंता थे। 30 जून को मनोरंजन पांडेय सेवानिवृत्त हो गए और उनके जगह मुंगेर डिविजन में पदस्थापित अर¨वद कुमार सिंह को भागलपुर का कार्यपालक अभियंता बनाया गया। वहीं एसई प्रदीप कुमार का दूसरे जिला में स्थानांतरण हो गया। उनके जगह सत्तार खलीफा अधीक्षण अभियंता बनाए गए। नए पदाधिकारियों के डिजिटल सिग्नेचर को सिस्टम में लोड करने के लिए विभाग से मंत्रलय भेजा गया, लेकिन तीन महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी मंत्रलय से डिजिटल सिग्नचर को स्वीकृति नहीं मिलने की स्थिति में विभागीय पदाधिकारी इस पुल का टेंडर रद कर री-टेंडर की तैयारी शुरू कर दी। अक्टूबर में ही इस पुल का निर्माण कार्य शुरू होना था।

 

  • दिनों के इंतजार बाद भी डिजिटल सिग्नेचर को नहीं मिली स्वीकृति
  • करोड़ की लागत से अक्टूबर में शुरू होना था पुल का निर्माण कार्य
  • टेंडर रद कर री-टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही दोबारा टेंडर किया जाएगा।

Working since 2014 When Early Internet Revolution Started in India. Experienced in content and delivering values to readers.

Leave a comment