बिहार के किसान मोर्चा के संयोजक और आस्था फाउंडेशन के निदेशक, कौशल कुमार सिंह ने सोमवार को अपने जदयू (JDU) के प्रदेश अध्यक्ष, उमेश कुशवाहा को प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। पूर्व विधानसभा प्रत्याशी कौशल कुमार सिंह ने हाल ही में जदयू की सदस्यता ग्रहण की थी और उन्हें प्रदेश सचिव का कार्यभार सौंपा गया था।
कौशल कुमार सिंह ने अपने इस्तीफे में पार्टी के आंतरिक गतिविधियों के संदर्भ में अपनी निराशा व्यक्त की, कहते हैं, “पार्टी में चल रहे कार्यों से मैं निराश हूं और इसके कारण मैंने इस्तीफा दे दिया है।”
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उन्होंने यह भी आलेखित किया कि पार्टी में विशेष व्यक्तियों को मनमाफिक पदों पर आसीन करने का आरोप लगाया और निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है। इससे पार्टी के जनाधार पर आघात पहुंचा है और कार्यकर्ता जनता में भ्रमित हैं।
इसके साथ ही, बिहार में बढ़ते अपराध और हत्या के मामलों ने लोगों का सरकार पर विश्वास कमजोर कर दिया है। सरकार की अस्थिरता की खबरें हमेशा सुर्खियों में रहती हैं, जिससे कार्यकर्ता और जनता में भ्रम और असमंजस बना रहता है।
इस पूरे मामले में यह भी चर्चा हो रही है कि कौशल कुमार सिंह अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं। इसकी तैयारियां बड़े पैम्प में हैं और इसमें भाजपा के कुछ नेताओं का समर्थन भी शामिल है।
यह घटना न केवल बिहार की राजनीति में हलचल पैदा करेगी, बल्कि यह भी दिखाएगी कि राजनीतिक परिवर्तन की तबाही में कैसे व्यक्तिगत तथा पार्टी की स्थिति पर असर हो सकता है।