मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को पारित किया है, जो देश का पहला राज्य बन गया है। यह नया कानून सभी धार्मिक समुदायों के लिए एक ही नियमों को लागू करेगा।
मुख्यमंत्री का बयान
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मुख्यमंत्री ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कहा कि ये कोई सामान्य विधेयक नहीं है, बल्कि देवभूमि उत्तराखंड को इसका सौभाग्य मिला है।
उत्तराखंड की बीजेपी सरकार का उद्देश्य
यह नया कानून उत्तराखंड सरकार का एक और महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य समान नागरिक संहिता को पुनः स्थापित करना है। इससे पूरे राज्य में सभी नागरिकों को न्याय और समानता की भावना मिलेगी।
कानून का उद्देश्य
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए पूरे देश में एक ही नियम लागू होगा। इससे विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियमों में समानता बनेगी।
इतिहास और संविधान
भारत में सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की बात संविधान में भी है, जो संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य’ के सिद्धांत का पालन करना है।
उत्तराखंड की बढ़ती उपेक्षा
उत्तराखंड की सरकार ने इस कदम के माध्यम से राज्य में सामान्यतः उपेक्षित धार्मिक समुदायों को भी न्याय का माध्यम प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।
सामान्यतः उठे सवाल
इसके साथ ही कुछ सवाल भी उठे हैं कि क्या यह कानून वास्तव में सभी धार्मिक समुदायों के हित में है या नहीं। इस पर बहस जारी है।
उत्तराखंड की बीजेपी सरकार की कामयाबी
उत्तराखंड की बीजेपी सरकार के द्वारा इस नए कानून को पारित कराना उनकी एक और कामयाबी है, जो उत्तराखंड के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान के रूप में देखा जा रहा है।