शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि आप भरपूर मात्रा में पानी पीते रहें। सभी वयस्कों को रोजाना कम से कम 3-4 लीटर पानी पीते रहने की सलाह दी जाती है। कम पानी पीने, विशेषतौर पर गर्मियों के सीजन में शरीर में पानी की कमी होने से डिहाइड्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है।
थकान, कमजोरी, लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्या
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डिहाइड्रेशन की स्थिति थकान, कमजोरी, लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का कारक हो सकती है, इसलिए जरूरी है आप भरपूर मात्रा में पानी पीते रहें। पर सावधान कहीं इस चक्कर में आप बहुत अधिक मात्रा में तो पानी नहीं पी रहे हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह:
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, शरीर में पानी की कमी होना जितना खतरनाक है, इसका अधिक सेवन भी शरीर के लिए उसी तरह की दिक्कतों का कारण बन सकती है। अधिक पानी पीने से भी मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर नकारात्मक असर हो सकता है।
कितना पानी पीना है सामान्य?
पानी पीने की अधिकता की कोई निश्चित मात्रा नहीं है, सभी लोगों की क्षमता और शारीरिक स्थितियों के आधार पर इसकी मात्रा अलग-अलग हो सकती है। स्वस्थ किडनी प्रतिदिन 20 से 28 लीटर पानी बाहर निकाल सकती है, लेकिन औसतन इसकी क्षमता हर घंटे केवल एक लीटर पानी ही बाहर निकालने की होती है।
जब आप प्रति घंटे 1 लीटर से अधिक पीते हैं तो आपकी किडनी के लिए ये मुश्किलों को बढ़ाने वाली हो सकती है। वृद्ध और बच्चों की किडनी कमजोर हो सकती है इसलिए ऐसे लोगों को पानी की मात्रा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
मस्तिष्क की कार्यक्षमता पर असर:
पानी की अधिकता या कमी दोनों हानिकारक हो सकती है। जब आप बहुत अधिक पानी पीते हैं, तो इसके कारण वाटर पॉइजनिंग या मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में व्यवधान का अनुभव हो सकता है। ऐसा तब होता है जब कोशिकाओं (मस्तिष्क कोशिकाओं) में बहुत अधिक पानी जमा होने लगता है, जिससे उनमें समस्या होती है।