बिहार अपने ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। इस श्रेणी में आता है प्राचीन विक्रमशिला, जिसके महत्वपूर्ण अवशेषों की खोज अब शुरू हो चुकी है। बिहार के भागलपुर जिले में स्थित प्राचीन विक्रमशिला के अवशेषों की खुदाई पिछले कुछ दिनों से लगातार जारी है।
विक्रमशिला विश्वविद्यालय का नामकरण
विक्रमशिला, जो प्राचीनकाल में ज्ञान केंद्र के रूप में विख्यात था, अब केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में उभरने जा रहा है। प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय का नाम समर्पित होने जा रहा है, जो भारत की एक ऐतिहासिक धरोहर है।
खुदाई की शुरुआत और महत्व
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पिछले सप्ताह से विक्रमशिला के अवशेषों की खोज के लिए कार्य शुरू किया गया था। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने इस कार्य का आयोजन किया और खुदाई का कार्य अब तक अधिकारिक रूप से चल रहा है। खुदाई के दौरान, तिब्बती मंदिर के संकेत भी मिले हैं, जो इस क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को और भी बढ़ाते हैं।
आशा की धारा
खुदाई के दौरान, आंशिक तौर पर 20 एकड़ क्षेत्र में खोज की जा रही है। इस से विक्रमशिला के इतिहास में नई जानकारी मिल सकती है, और यह इस क्षेत्र के प्राचीनतम साक्षात्कारों की बेहतर समझ में मदद करेगा।
सरकारी उपाय
बिहार सरकार ने प्राचीन विक्रमशिला के पास एक 200 एकड़ की जमीन का नामांकन किया है, और उसे केंद्र सरकार को निर्माण के लिए सौंप दिया है। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 2015 में विक्रमशिला के नाम पर केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपए की घोषणा की थी।
यहां तक कि राज्य सरकार ने सभी कागजात केंद्रीय सरकार को भेज दिए हैं ताकि इस विश्वविद्यालय के निर्माण का काम शीघ्र हो सके।