स्टैच्यू आफ यूनिटी भारत के संस्थापक सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा बनने वाले शिल्पकार व पद्यम विभूषण रामसुतार तिलकामांझी की कांस्य प्रतिमा बनाएंगे। यह प्रतिमा 12 फीट ऊंची होगी। स्मार्ट सिटी योजना से इसके निर्माण पर 15 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। शिल्पकार रामसुतार ने इसके लिए सहमति दे दी है।
स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही तिलकामांझी की प्रतिमा निर्माण की तैयारी शुरू कर दी गई है। भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीजीएम संदीप कुमार ने प्रतिमा निर्माण को लेकर रामसुतार से संपर्क किया है। उनसे कोटेशन मंगवाया गया है। इसके साथ ही प्रतिमा निर्माण का करार भी होगा। एक माह में तिलकामांझी की प्रतिमा तैयार होगी। इसके लिए एक टीम भी भागलपुर आएगी।
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दैनिक जागरण ने तिलकामांझी की कांस्य प्रतिमा बनाने और स्थल के सुंदरीकरण को लेकर अभियान चलाया था, जिसके बाद तत्कालीन नगर आयुक्त प्रफुल्ल चंद्र यादव ने इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने की बात कही थी।
प्रख्यात शिल्पकार रासुतार गुजरात में लौह पुरुष सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा के साथ कई महापुरुषों की प्रतिमाएं बना चुके हैं। उन्होंने कई महापुरुषों की विशाल प्रतिमाएं बनाई हैं। उनके द्वारा बनाई गई महात्मा गांधी की प्रतिमाएं अब तक विश्व के तीन सौ से अधिक शहरों में लग चुकी हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने रांची में बिरसा मुंडा की कांस्य की प्रतिमा बनाई है। साथ ही सांसद भवन और देश में विभिन्न हिस्सों में कई महापुरुषों की प्रतिमा तैयार की हैं।
तिलकामांझी चौक का चौड़ीकरण और सुंदरीकरण होगा
समार्ट सिटी कंपनी के सीजीएम ने बताया कि तिलकामांझी चौक के चौड़ीकरण के साथ सुंदरीकरण भी किया जाना है। चौराहे के बांये तरफ आवागमन सुलभ बनाए रखने के लिए बिजली के पोल आदि हटाए जाएंगे। इसके साथ प्रतिमा स्थल को लाइट आदि से सुसज्जित किया जाएगा। गोल चक्कर के रूप में विकसित करने के लिए स्मार्ट सड़क की योजना से कार्य होगा।
तिलकामांझी पार्क में स्थापित हो प्रतिमा तो दिखेगी आकर्षक
तिलकामांझी पार्क स्थल पर उनका स्मारक है। इस पार्क को नगर निगम ने बैंक के सहयोग से बनवाया है। चौराहे से तिलकामांझी की प्रतिमा को पार्क में शिफ्ट करने के बाद इसका आकर्षण और बढ़ेगा। साथ ही चौराहे की चौड़ाई भी बढ़ सकती है। नागरिक विकास समिति के अध्यक्ष जियाउर रहमान ने बताया कि समिति तिलकामांझी की प्रतिमा स्थल का रख-रखाव करती है। इसके अलावा आदिवासियों की एक कमेटी भी कार्य करती है। प्रतिमा निर्माण को लेकर कार्ययोजना की जानकारी स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से ली जाएगी। साथ ही प्रतिमा शिफ्ट करने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। आदिवासी संगठनों से जनहित को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा।