साल 2023 में चुनावों के दौरान, भागलपुर में एक नए स्वीमिंग पूल के निर्माण का वादा किया गया था। यह वादा उन खिलाड़ियों के लिए उम्मीद की किरण बन गया जो बेहतर प्रशिक्षण सुविधाओं और प्रतियोगिताओं के अवसरों की तलाश में थे।

हालांकि, एक साल बीत जाने के बाद भी, यह पूल खिलाड़ियों के लिए अधिकांश समय बंद रहा है। और जब यह खुला होता है, तो इसकी ऊंची शुल्क खिलाड़ियों को दूर रखती है।

पूल का निर्माण और विवाद:

  • 2023 में सैंडिस कंपाउंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्वीमिंग पूल बनाया गया था।
  • उद्घाटन के कुछ महीनों बाद ही, एक किशोर की डूबने से मौत हो गई, जिसके बाद पूल को बंद कर दिया गया।
  • 2 अप्रैल 2024 को पूल को फिर से खोल दिया गया, लेकिन ऊंची फीस ने कई लोगों को दूर कर दिया है।

 

खिलाड़ियों की पीड़ा:

  • भागलपुर में तैराकी के लिए उचित प्रशिक्षण सुविधाओं और प्रतियोगिताओं की कमी लंबे समय से चली आ रही है।
  • नए पूल ने उम्मीद जगाई थी, लेकिन ऊंची फीस ने इसे खिलाड़ियों के लिए पहुंच से बाहर कर दिया है।
  • प्रतिदिन, केवल दो-चार लोग ही पूल का उपयोग करते हैं, जो इसकी क्षमता का एक छोटा सा हिस्सा है।

 

फीस का ढांचा:

  • वार्षिक रजिस्ट्रेशन शुल्क: ₹20,000
  • छमाही शुल्क: ₹10,000
  • एक दिन का टूर्नामेंट शुल्क: ₹2,000
  • ट्रायल वीक रजिस्ट्रेशन शुल्क: ₹1,000

 

प्रश्न चिह्न:

  • चुनाव के दौरान किए गए वादे क्या पूरे हुए हैं?
  • क्या यह पूल वास्तव में खिलाड़ियों के लिए बनाया गया था, या यह सिर्फ एक दिखावा है?
  • क्या ऊंची फीस को कम करके इसे सभी के लिए सुलभ बनाया जा सकता है?

 

बात जो जायज़ हैं।

भागलपुर में नया स्वीमिंग पूल अपनी क्षमता का उपयोग नहीं कर रहा है और इसका लाभ उन खिलाड़ियों को नहीं मिल रहा है जिनके लिए इसका निर्माण किया गया था। यह पूल एक खूबसूरत सुविधा है, लेकिन जब तक इसकी फीस को कम नहीं किया जाता और इसे खिलाड़ियों के लिए अधिक सुलभ नहीं बनाया जाता, तब तक यह सिर्फ एक सफेद हाथी बना रहेगा।

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