बेतिया। जीआई टैग मिलने के बाद मर्चा धान का भाव दोगुना हो गया है। इस बार किसानों को एक क्विंटल धान के बदले 5500 रुपये मिले हैं, जबकि बीते वर्ष 2200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक्री हुई थी। पांच वर्ष पूर्व इसका भाव 1300 रुपये प्रति क्विंटल था।
मर्चा धान की खेती से जुड़े किसान लक्ष्मी प्रसाद कुशवाहा व सिंहासन प्रसाद का कहना है कि पहले मर्चा धान को सरकारी खरीद केंद्र पर ही बेचना पड़ता था। अब व्यापारी दरवाजे पर पहुंच रहे हैं। मर्चा धान के मूल्य में बढ़ोतरी से जिले के किसान उत्साहित हैं।
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मर्चा चूड़ा स्टाल लगने से बढ़ी मांग
तीन नवंबर को दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया फेस्ट-2023 में चंपारण के मर्चा चूड़ा स्टाल लगने से भी इसकी मांग बढ़ी है। मिल प्रबंधक राजू श्रीवास्तव एवं मर्चा धान के बड़े किसान आनंद सिंह ने बताया कि देश-विदेश के 129 प्रतिनिधि इस फेस्ट में शामिल हुए थे। सभी अपने साथ मर्चा चूड़ा ले गए थे।
मर्चा चूड़ा की विशेषता एवं सुगंध लोगों को इसकी तरफ आकर्षित कर रहा है। इसकी मांग को देखते हुए कई व्यावसायिक संगठन इसकी बिक्री को इच्छुक हैं। किसान आनंद सिंह ने कहा कि पटना खादी माल के मुख्य प्रबंधक संपर्क में हैं।
बीते वर्ष मर्चा धान को जैसे ही जीआई टैग मिला, ग्लोबल स्तर पर इसकी चर्चा होने लगी। बाजार के विशेषज्ञ इसके उत्पादों को लेकर गणित बैठाने लगे हैं। आज बड़ी संख्या में लोग मर्चा चूड़ा का इस्तेमाल कर रहे हैं। पहले इसकी मांग केवल बिहार में ही थी, अब दूसरे राज्यों से भी मांग हो रही है।
सात सौ एकड़ में हो रही खेती
कीमत में उछाल के बाद मर्चा धान उत्पादक प्रखंडों के किसानों ने अगले खरीफ सीजन में इसकी खेती करने का मन बना लिया है। अभी तक करीब सात सौ एकड़ में इसकी खेती हो रही थी, इस साल 1500 एकड़ से ज्यादा में खेती होने की उम्मीद है। किसानों ने पहले से ही इसके बीज रख लिए हैं।