बिहार की नीतीश सरकार ने थानाओं में बैठाने पर नए निर्देश जारी किए हैं। अब यदि कोई व्यक्ति थाने जाकर आवेदन लेता है, तो उसे तत्काल पावती (रिसीविंग) दी जानी चाहिए। शिकायत मिलने पर अगर थानेदार या अपर थानाध्यक्ष रिसीविंग दी बिना चले गए, तो उन्हें स्लीप दिया जाएगा। थाने में आने वाले हर व्यक्ति से 30 मिनट के अंदर थानेदार मिलेंगे। यदि इससे अधिक समय लगता है, तो कारण बताना होगा।
इस नए निर्देश के साथ, थानेदारों को विनम्रता से वार्ता करने और अशिष्ट भाषा का प्रयोग नहीं करने का भी आदेश दिया गया है। अब बिना किसी कारण के भीड़ जमाने या फरियादियों को परेशान करने वाले थानेदारों को मुश्किल में डाला जाएगा।
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यह निर्देश नवनियुक्त थानेदारों के साथ डीआइजी सह एसएसपी राजीव मिश्रा की पहली क्राइम मीटिंग में जारी किया गया। इस मीटिंग में राजीव मिश्रा ने सुदूर इलाकों से आए इंस्पेक्टरों और दरोगाओं को राजधानी की पुलिसिंग के चुनौतियों के बारे में सिखाया।
इसके अलावा, विशेष अधिनियम के तहत दर्ज कांडों में 60 दिनों के भीतर चार्जशीट समर्पित की जाएगी। रात्रि गश्ती में तेजी और शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है।
इस नए निर्देश के साथ, बिहार की पुलिस ने साफ किया कि थाने में आने वाले हर व्यक्ति को समय पर सुनवाई मिलेगी और कोई भी बेवजह देरी नहीं होगी। अब थानाओं में एक सकारात्मक वातावरण बनाए रखने के लिए नए कदम उठाए गए हैं।