बिहार के दरभंगा जिले में विश्व का सबसे बड़ा तैरता हुआ सोलर पावर प्लांट तैयार हो गया है, जिसने नहीं सिर्फ बिजली उत्पादन को बढ़ावा दिया है बल्कि यहां पर मछली पालन से लोगों को रोजगार का एक नया स्रोत प्रदान किया है।
तैरता हुआ सोलर पावर प्लांट की खासियतें:
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ऊर्जा स्वतंत्रता: यह प्लांट 1.6 मेगावाट की बिजली उत्पादन करता है, जिससे हजारों घरों में रोशनी पहुंचती है।
रोजगार का स्रोत: तालाब के ऊपर बने इस प्लांट में मछली पालन से लोगों को रोजगार का एक नया और सुरक्षित स्रोत मिल रहा है।
ग्रीन एनर्जी का प्रतीक: चार एकड़ क्षेत्र में फैले इस पावर प्लांट ने ग्रीन एनर्जी के एक शानदार नमूने को प्रस्तुत किया है।
निर्माण का स्थान: यह तैरता हुआ सोलर प्लांट दरभंगा के कादीराबाद स्थित तालाब के ऊपर बनकर तैयार हुआ है, जहां पहले गंदगी का सिर्फ शिकार होता था, लेकिन अब यह तालाब लोगों के बीच मिसाल बन चुका है।
साझेदारी का करार: नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने येवडा नामक कंपनी के साथ करार करके इस सोलर पावर प्लांट के संचालन का आधिकार 25 साल के लिए हासिल किया है।
इस सोलर पावर प्लांट के तैयार होने से बिहार में नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होने के साथ ही ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा है।