सुधार के बजाय दिनोंदिन बिजली आपूर्ति में गिरावट आ रही है। यूं कहा जा सकता है कि बिजली 10 साल पुराने र्ढे पर लौटी आई है। बिजली संकट का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि बिजली कटने के बाद कबतक आएगी इसका पता तो न तो विभाग के अधिकारियों को और न ही कर्मियों को रहता है। सुबह, शाम और रात में बिजली कटौती ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। सुबह जगो तो बिजली गायब और रात में सोए तो भी बत्ती गुल। स्थिति यह है कि लोगों को न तो दिन में सुकून और न ही रात में चैन की नींद सोने दे रही है। बिजली कटौती ने शहरवासियों को रुला दिया है।

बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठन भी बिजली संकट पर मौन धारण किए हुए हैं। बिजली संकट पर कोई आवाज न उठने से यह समस्या दिनोंदिन और बढ़ती ही जा रही है।

  • गुरुवार को दिनभर बिजली की अघोषित कटौती होती रही और एसएलडीसी से रात 8:35 बजे से आवंटन की कमी से लोड शे¨डग के कारण शहर को बिजली मिलने नहीं लगी। 85 मेगावाट से 60 मेगावाट कर दी गई। हालांकि सुबह में फुल लोड बिजली मिलने के बाद भी त्रहिमाम की स्थित रही।
  • सुबह पांच बजे से सात बजे तक, दोपहर में 12 से शाम चार बजे, शाम पांच बजे से रात आठ बजे तक और
  • फिर रात में 8:35 से शहर के अलग-अलग इलाकों की घंटों बिजली गुल रही। बिजली न आने से लोग काफी परेशान रहे। छोटे बच्चे गर्मी में बेहाल रहे। बत्ती गुल रहने के कारण भीषण गर्मी में मोमबत्ती की रोशनी में बच्चों को पढ़ाई करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। लोगों को चहलकदमी कर रात बितानी पड़ रही है।
  • सेंट्रल जेल उपकेंद्र से तिलकामांझी फीडर को शाम में पांच बजे आपूर्ति बंद कर दी गई और ढाई घंटे बाद साढ़े सात बजे फीडर चालू की गई।
  • रात में विक्रमशिला, घंटाघर, भीखनपुर आदि फीडर के बंद करने से लोगों की नींद टूट गई। फिर लोग सड़कों पर टहलते रहे।
  • खलीफाबाग, डीएन सिंह रोड, डा. अमूल्य घोष रोड के लोगों ने कहा कि रोजाना रात आठ बजे से नौ बजे के बीच बिजली काट दी जाती है। तीन-चार घंटे बाद देर रात आपूर्ति की जाती है।

इधर, आदमपुर इलाके के लोगों को दिन भर में 50 बार बिजली कट का सामना करना पड़ा। रात में भी उन्हें निर्बाध बिजली नहीं मिली। आवंटन में कमी के कारण इलाके का फीडर बंद रहा।

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