गंगा पर प्रस्तावित फोरलेन पुल निर्माण के लिए आगामी 18 मई को निविदा खुलेगी। इस पुल का निर्माण विभाग के अभियंता नहीं बल्कि कंसलटेंसी की निगरानी में होना है। पिलर गाड़ने से लेकर पुल निर्माण से संबंधित मानकों के हरेक पहलुओं पर कंसलटेंसी नजर रखेगी।

 

निर्माण कार्यों से संतुष्ट होने के बाद बिल भी कंसलटेंसी ही बनाएगी। यानी पुल बनाने वाली एजेंसी और सरकार के बीच कंसलटेंसी सेतु का काम करेगी। कंसलटेंसी की देखरेख में कार्य कराने का फायदा यह होगा कि सरकार की शर्त और मानकों के अनुरूप पुल का निर्माण होगा।

सुपरविजन कंसलटेंसी की बहाली के लिए मंगलवार को छह एजेंसियों

  1. चैतन्या प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड,
  2. दोहवा इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड,
  3. हेक्सा कंपनी,
  4. एसए इंफ्रास्ट्रक्चर कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड,
  5. स्टूप कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड और
  6. सिस्ट्रा कंपनी की निविदा खोली गई।

तकनीकी बिड में सफल कंसलटेंट कंपनी की वित्तीय बिड खोली जाएगी। इधर, मंगलवार को ही विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल की निविदा भी खोली जानी थी, लेकिन अपरिहार्य कारणों से टेंडर भरने की तिथि बढ़ा दी गई है। अब 18 मई को निविदा खुलेगी। दरअसल, इससे पहले फरवरी, 2021 में लार्सन एंड टूब्रो के नाम से टेंडर फाइनल हुआ था, लेकिन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआइ) ने यह बताकर निर्माण पर रोक लगा दी कि पुल के स्पेन का फासला 100 मीटर नहीं था।

पानी जाहाज के को अहमियत.

भविष्य में माल धुलाई के साथ साथ कहलगाँव, मुंगेर इत्यादि के लिए यात्री क्रूज़ भी चलाए जाएँगे. चुकी इन इलको में हमेशा गंगा का जलस्तर क्रूज़ के लिए पर्याप्त रहता हैं अतः इसे मार्ग के रूप में बनाया जाएगा.

साथ ही गंगा डॉल्फ़िन प्रोजेक्ट के तहत शहर को नया इक्स्पिरीयन्स और टुरिज़म के लिए यह काफ़ी महतवपूर्ण होगा.

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