आए दिन बिहार में हो रहे शराब घटनाओं से बिहार पूरे देश में सुर्खियां बटोर रहा है हाल ही में छपरा शराब कांड में लगभग 70 लोगों की मौत के बाद भी बिहार में शराब माफियाओं का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा बीते वर्ष बिहार के 5 जिलों में बड़ी बड़ी शराब घटनाएं ने कई लोगों को अपने मौत के मुंह में समेट लिया

बीते मंगलवार की सुबह भागलपुर से एक शराब माफिया की गिरफ्तारी की गई जिसे कोतवाली पुलिस ने भागलपुर स्टेशन परिसर के पास से नौ विदेशी बोतल के साथ गिरफ्तार किया गया गिरफ्तारी के बाद बताया जा रहा है कि युवक का नाम बादल कुमार है  9 बोतल विदेशी शराब की तस्करी के इरादे से भागलपुर जंक्शन पहुंचा था

पुलिस के अनुसार युवक बादल कुमार सुलतानगंज थाना क्षेत्र के राज गंगापुर का रहने वाला बताया जा रहा है जहां एक और बिहार में जहरीली शराब और देसी शराब के भक्तों को बर्बाद किया जा रहा है वहीं बिहार में शराब तस्कर अब विदेशी शराब की तस्करी पर जोर दे रहे हैं

शराबबंदी को लेकर बार-बार आलोचना का सामना कर रही बिहार सरकार ने एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया है कि अप्रैल, 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से 1.82 करोड़ लोगों (जो राज्य की आबादी का लगभग 96 प्रतिशत है) ने शराब का सेवन छोड़ दिया है।

मंगलवार शाम को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 99 फीसदी महिलाएं और 92 फीसदी पुरुष शराबबंदी के पक्ष में हैं. यह तीसरी रिपोर्ट है और शराब निषेध विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धन जी, चाणक्य विश्वविद्यालय के डीन एसपी सिंह, जीविका दीदी विभाग के कार्यकारी निदेशक राहुल कुमार ने संयुक्त रूप से जारी की है.

जीविका दीदी समूह के कार्यकारी निदेशक राहुल कुमार ने कहा  हमने बिहार के सभी 38 जिलों के 534 ब्लॉकों में सर्वेक्षण किया है और 1.15 लाख जीविका दीदियों ने सर्वेक्षण किया है। उन्होंने इन जिलों में रहने वाले 10 लाख लोगों से सवाल पूछे। उनके जवाबों के आधार पर हमने शराबबंदी पर रिपोर्ट तैयार की है।

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