पटना : सफलता मोहताज नहीं होती,इसे सिर्फ लगन मेहनत से पाया जा सकता है। इस सफलता के पीछे है पवन कुमार की अद्वितीय मेहनत और आत्मनिर्भरता की कहानी। उनके पिता टाइल्स मार्बल लगाने का काम करते हैं, लेकिन पवन कुमार अपने सपनों को साकार करने के लिए नहीं झुका। पवन ने भी उन्हीं संघर्षशील उम्मीदों के बीच अपना मकसद पूरा किया है।
गरीबी के बावजूद, पवन कुमार ने अपने पैरों पर खड़ा होकर दुनिया को दिखाया है कि ताक़त और संघर्ष से कोई भी मुश्किलें पार की जा सकती हैं। उनकी कड़ी मेहनत और अदम्यता ने उन्हें बिहार बोर्ड की परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने तक पहुंचाया है।
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पवन की माता ने भी इस मौके पर उनका साथ दिया और बताया कि वह दिनभर अपनी पढ़ाई में ध्यान देने के साथ-साथ घर के काम में भी मदद करते थे। इसके परिणामस्वरूप, गाँव के लोग उनके घर आकर बधाई देने के लिए जमा हो गए।
जबकि उनके परिवार को यह खुशी मिल रही है, पवन कुमार ने यहाँ तक की उनके आने वाले प्लान्स में भी बात की है। उन्होंने यह दिखाने का इरादा किया है कि वह एक दिन IAS अधिकारी बनेंगे और देश की सेवा में योगदान देंगे।
इस गर्वभरे पल के बाद, पवन कुमार की कड़ी मेहनत और संघर्ष ने एक नये उत्तराधिकारी की कहानी को सजीव कर दिया है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बना है।