प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को आरजेडी चीफ लालू यादव को समन जारी किया है, जिससे बिहार की राजनीति में नए मोड़ का संकेत मिला है। ईडी ने धन शोधन जांच के तहत लालू और उनके बेटे तेजस्वी को पटना कार्यालय में उपस्थित होने के लिए फिर समन जारी किया है।
आरजेडी चीफ को नोटिस मिलने के बाद लालू यादव ने पीले लिफाफे में अपने आप को समन प्राप्त करते हुए कहा कि यह सरकारी शोधन के खिलाफ साजिश है और वह इस पर कड़ा विरोध करेंगे।
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तेजस्वी यादव, जो बिहार सरकार के डिप्टी सीएम हैं, को भी एक नोटिस जारी किया गया है और उन्हें भी इस मामले में तबादला के लिए आरजेडी कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
इस महीने की शुरुआत में भी ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में तेजस्वी और लालू को तलब किया था। इससे पहले भी ईडी ने मैसर्स एके इन्फोसिस्टम्स प्रा. लिमिटेड के निदेशक के रूप में काम कर रहे तेजस्वी यादव को नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए तलब किया था।
शुक्रवार को ईडी की टीम ने पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर छापा मारा और लालू परिवार को नोटिस जारी किया गया। लालू यादव ने इसका जवाब देते हुए कहा कि वह इस पर कड़ा विरोध करेंगे और सरकारी शोधन की साजिश का आरोप लगाया।
केंद्रीय जांच एजेंसियों ने लालू यादव और उनके परिवार पर धन शोधन के मामले में शिकंजा कसा है। लालू यादव पर इसकी शुरुआत में ही बड़ा घटनाक्रम हुआ है, जिससे बिहार की सियासी दलीलें तेज हो गई हैं।
इस मामले के बाद बिहार में सियासी गतिरोध बढ़ा है और यह देखना रहेगा कि कैसे यह इस्तीफे और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में बदलता है।