पिताजी के साथीपन और जीवन में की गई मेहनत ने बिहार के नवादा के बेटे निरंजन कुमार को यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (यूपीएससी) परीक्षा में सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचाया है। उन्होंने 2021 में यूपीएससी परीक्षा में 535 रैंक हासिल की है। यह सीधे रूप से उनकी मेहनत और संघर्ष की कहानी को दर्शाता है, जो उन्हें आईएएस अधिकारी बनने की दिशा में आगे बढ़ने का संकेत है।
निरंजन का कहना है कि उनके माता-पिता सड़क किनारे तंबाकू बेचते थे और जो पैसा उन्हें मिलता था, वह उनकी पढ़ाई पर खर्च किया करते थे। इसका परिणाम साल 2017 में हुए परीक्षा में 728 रैंक हासिल करना था, लेकिन उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का था।
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गरीब परिवार से आने वाले निरंजन का कहना है कि उनका सपना और जीवन में कुठारी मेहनत की गई। उन्होंने अपने बचपन से ही चार भाइयों के बीच विद्यार्थी को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया था और कई किलोमीटर पैदल चलकर कोचिंग के लिए जाते थे।
इसके बाद, आईआईटी इंजीनियर बनने का सपना रखते हुए उन्होंने मेहनत और समर्पण से कामयाबी प्राप्त की, लेकिन उनका असली सपना हमेशा से आईएएस अधिकारी बनना रहा है।
निरंजन की कहानी एक मार्गदर्शन है, जो हमें सिद्धि की ऊँचाइयों तक पहुंचने के लिए मेहनत, उत्साह, और संघर्ष की महत्वपूर्णता को याद दिलाती है।