भागलपुर का भोलानाथ फ्लाईओवर अभी भी हवा में ही शहर के समस्याओं को सफर करा रहा है. भागलपुर से बड़े-बड़े नेताओं के हस्तक्षेप के बाद भी जब भागलपुर भोलानाथ फ्लाईओवर का कायाकल्प नहीं हो सका तब मौजूदा उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने इसे जल्द पूरा करने के मनसे से काम शुरू करने के लिए निर्देश दिया था.
फिर फंस गया भोलानाथ फ्लाईओवर.
आज की ज़बरदस्त खबरें.
पिछली बार जब कैबिनेट से मंजूरी मिली तब 20 जून 2022 को निविदा निकाली गई थी और 25 जुलाई को जब निविदा खोली गई तो एक भी ठेका एजेंसी ने रुचि दर्ज नहीं कराया था जिसके वजह से या निविदा रद्द हो गई और उसका नया तारीख बढ़ाकर 2 अगस्त कर दिया गया.
अब जब 2 अगस्त को निविदा खोली गई है तो अब महज दिल्ली की एक एजेंसी ने इसमें रुचि दिखाई है जिसके वजह से यह निविदा दोबारा से रद्द कर दी गई है क्योंकि इसके लिए कम से कम 2 निविदाओं का जरूरत होता है.
दोबारा री टेंडर प्रोसेस शुरू किया जाएगा और शहर के मानसून स्विमिंग पूल के लिए प्रचलित यह जगह अभी शहर वालों के लिए वैसे ही रहेगा.
अब तक इस फ्लाईओवर के निर्माण के नाम के ऊपर लगभग सारे भागलपुर के नेता ले चुके हैं श्रेय.
अब बात आती है कि इतने छोटे से फ्लाईओवर के निर्माण में जब इतने सारे दिग्गज नेता लगे हुए हो फिर उसके बावजूद भी भोलानाथ फ्लाईओवर का उद्धार ना हो रहा हो इसके पीछे क्या कोई और वजह है या फिर केवल भोलानाथ पुल के नाम पर राजनीति की रोटियां सेककर हेड लाइन के चर्चे नेताओं को अच्छे लग रहे हैं.
Nothing to do , when we choose a politician like them we have to loose everything because anyone’s house was not there , They are never going to build the flyover .We also didn’t got airport . On the name of Bhagalpur smart city we only got a dustbin nothing else. They only can do one thing better “BAKCHODI“