बिहार में ब्रिटिशकालीन 70 पुल-पुलियों को तोड़ा जाएगा। इसके बाद इसे 10 मीटर तक चौड़ा कर नवनिर्माण कार्य किया जाएगा। कार्ययोजना में मुंगेर के घोरघट से मिर्जाचौकी के बीच बनने वाले एनएच-80 में रेल ओवरब्रिज (आरओबी) को शामिल किया गया है। शिवनारायण व मिर्जाचौकी  सहित तीन जगहों में आरओबी बनेगा। दरअसल, ट्रेनों के सुचारू रूप से परिचालन, दुर्घटना पर अंकुश लगाने और ट्रेनों के परिचालन के दौरान बार-बार सड़क यातायात प्रभावित होने से आम लोगों के परेशानी को ध्यान में रख सरकार की योजना समपार की व्यवस्था को खत्म करने की है। इसलिए मुंगेर-मिर्जाचौकी एनएच-80 में पड़ने वाले शिवनारायणपुर, मिर्जाचौकी सहित तीन जगहों में समपार की व्यवस्था को खत्म कर वहां आरओबी बनाने का निर्णय लिया है।

 

एनएच विभाग ने प्राक्कलन बनाकर मंत्रालय भेज दिया है। एक आरओबी के निर्माण में 25 करोड़ लागत आएगी। आरओबी के डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने वाली एजेंसी के चयन के लिए टेंडर की प्रक्रिया अपनाई गई है।  इधर, एनएच 80 का निर्माण दो हिस्सों में बनना है। 70 किलोमीटर जीरोमाइल से मिर्जाचौकी और 28 किलोमीटर घोरघट से दोगच्छी नाथनगर के बीच बनेगा। सड़क पीसीसी (सीमेंट-छर्री-सरिया यानी ढलाई) बनेगी। सड़क निर्माण में 3.15 क्यूविक मीटर (जीरोमाइल-मिर्जाचौकी के बीच 2.10 व घोरघट-दोगच्छी के बीच 1.05 क्यूविक मीटर) गिट्टी, 1.60 लाख क्यूविक मीटर (जिनमें क्रमशः 1.05 लाख व 55 हजार क्यूविक मीटर) बालू और 1.37 लाख टन (जिनमें क्रमशः 92 हजार व 45 हजार टन) सीमेंट का उपयोग होगा।

 

विभागीय अधिकारियों के अनुसार निर्माण में उपयोग होने वाली सामग्रीयों के हिसाब से 18-20 हाइवा गिट्टियां (एक हाइवा में 16 से 18 क्यूविक मीटर लोड होता है) और 15-16 हाइवा प्रतिदिन बालू का उपयोग होगा। निर्माण के दौरान नियमित आपूर्ति होना है। सड़क निर्माण में शाहकुंड (भागलपुर) के पत्थर कक स्वीकृति नहीं है। निर्माण में  झारखंड के मिर्जाचौकी, पाकुड़ या गिरिडीह के पत्थर का ही उपयोग किया जा सकता है।

 

कार्ययोजना के विशेष बिंदु

  • काली मिट्टी होने के कारण  खोदकर पहले फ्लाइएश डाला जाएगा। उसके ऊपर बालू डालकर पिचिंग के बाद जीपीएस के ऊपर डीएलसी का काम होना है।
  • 330 एमएम पीक्यूसी वर्क होगा। जलजमाव की समस्या के समाधान के लिए नाला निर्माण होगा।
  • दो हिस्सों में बनने वाली सड़क का ठेका राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश की एजेंसी को मिला है।
  • -भागलपुर जीरोमाइल- मिर्जाचौकी तक अरुणाचल प्रदेश की टीटीसी इंफ्रा इंडिया और राजस्थान की एमबी कंस्ट्रक्शन को घोरघट (मुंगेर) से नाथनगर दोगच्छी के बीच सड़क बनाएगी।
  • -विद्युत विभाग से बिजली खंभे और पीएचइडी से जलापूर्ति पाइप एवं चापाकल हटाने के लिए छह महीने पहले ही एनओसी विभाग को मिल चुका है।

 

  • -सड़क निर्माण में 883.76 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
  • घोरघट-दोगच्छी के बीच 398.88 करोड़ रुपये और जीरोमाइल-मिर्जाचौकी के बीच 484.88 करोड़ रुपये  निर्माण में खर्च होंगे।
  • ठीकेदारों को 10 महीने में निर्माण पूरा करना है, सड़क 10 मीटर चौड़ी की जाएगी।
  • -जीरोमाइल से सबौर खनकिता के बीच 12 मीटर चौड़ी सड़क बनेगी।
  • -यातायात की दृष्टिकोण से जीरोमाइल चौक के पास जंक्शन बनना है।
  • -बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सड़क तीन से चार फीट ऊंची की जाएगी। मसाढू सहित कई पुल व एक सौ कलवर्ट व जीरोमाइल से पीरपैंती के बीच सड़क के दोनों ओर ड्रेन बनेगा।
  • -जीरीमाइल, सबौर, घोघा, पीरपैंती, त्रिमुहान, शिवनारायणपुर के पास जंक्शन (गोलंबर) व कहलगांव और पीरपैंती के बीच टोल प्लाजा बनना है।
  • -फोरलेन मसाढू पुल से शुरू होगा निर्माण कार्य, बाढ़ से बचाव के लिए सड़क किनारे कराया जाएगा स्टोन पिचिंग
  • -जीरोमाइल-मिर्जाचौकी के बीच 1000 को दूसरे जगह की जाएगी शिफ्टिंग
  • -शिफ्टिंग किए जाने पेड़ों को बचाने के लिए 60 सेंटीमीटर का प्लास्टिक गैबियन से घेराबंदी की जाएगी।

 

भूतल सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के बिहार सर्किल क्षेत्रीय पदाधिकारी प्रदीप लाल ने बताया कि आरओबी को जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। पांच करोड़ राशि भुगतान करने पर वन एवं पर्यावरण से एनओसी मिल चुका है। ब्रिटिशकालीन जर्जर सभी 70 पुल-पुलियों को तोड़कर 10 मीटर चौड़े बनाए जाएंगे। छठ पूजा के बाद सड़क-पुल निर्माण का कार्य शुरू और फरवरी 2024 तक पूरा होना है।

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