बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी है. सक्षमता परीक्षा में न बैठने या फेल हो जाने वाले नियोजित शिक्षकों की नौकरी नौकरी नहीं जाएगी. यह राहत पटना हाईकोर्ट ने दी है.

हाईकोर्ट ने मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए रूल-4 को खारिज करते हुए आदेश दिया कि सक्षमता परीक्षा में शामिल न होने वाले और इसमें फेल होने वाले भी किसी भी शिक्षक की नौकरी नहीं जाएगी.

हाईकोर्ट ने जिस नियमावली-12 के तहत अपीलीय प्राधिकार को खत्म किया गय था, उसे भी खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद नियोजित शिक्षकों के बीच खुशी का माहौल है. नियोजित शिक्षकों में सक्षमता परीक्षा को लेकर गुस्सा था. उनका कहना था सक्षमता परीक्षा के जरिए सरकार नियोजित शिक्षकों की छंटनी का प्रयास कर रही है. इसके बाद नियोजित शिक्षकों ने नई नियमावली के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

सक्षमता परीक्षा के बाद मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा

बिहार सरकार नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सक्षमता परीक्षा करा रही है. शिक्षा विभाग ने कहा था कि नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा देने के लिए पांच अवसर दिए जाएंगे. परीक्षा पास करने के बाद नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाएगा. जिसके बाद उन्हें बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा नियुक्त शिक्षकों की तर्ज पर सुविधाएं मिलने लगेंगी. साथ ही नियोजित शिक्षक विशिष्ट शिक्षक बन जाएंगे.

70% नियोजित शिक्षकों ने ही किया था आवेदन

एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार के करीब 70 फीसदी नियोजित शिक्षकों ने ही सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन किया था. पहली सक्षमता परीक्षा का रिजल्ट भी आ चुका है. जिसमें कक्षा 1 से पांच तक के लिए 1 लाख 48 हजार 845 शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा दी थी. जिसमें से 1 लाख 39 हजार 10 पास हुए थे. जबकि कक्षा 6 से 8 तक के लिए 23 हजार 873 नियोजित शिक्षकों ने परीक्षा दी थी. जिनमें से 22 हजार 941 पास हुए थे.

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