हम सभी जानते हैं कि सिगरेट का सेवन करना हमारे स्वस्थ के लिए हानिकारक है। ज्यादा तंबाकू सेवन करने से कैंसर की बीमारी हो सकती है। लेकिन आज कल के युवा इसे फैशन समजने लगे हैं। लेकिन ये सब निराशा के बीच एक आशा की किरण नज़र आ रही। बिहार में तंबाकू सेवन का आंकड़ा घटकर राष्‍ट्रीय औसत से कम हो गया है। हालांकि, पाबंदी के बावजूद तंबाकू उत्पादों का सेवन जारी है। बिहार में 7.3 फीसदी लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। घबराने की बात ये भी हैं की तंबाकू का सेवन हमारी जिंदगी के 13 साल कम कर रहे हैं। 1 सिगरेट हमारे दिन के 14 मिनट कम कर देता है। चौकाने वाली बात ये भी है की बिहार में लड़कों से ज्यादा लड़की तंबाकू का सीकार हो रही। इस्के शिकार 13 से 15 आयु वर्ग के लडके और लडकिया हो रही। फिर भी घबराइए नहीं, यह आदत छोड़ी भी जा सकती है। इसके लिए आपको योग का सहारा लेना होगा। आप डाक्‍टर व मनोचिकित्‍सक की सलाह भी ले सकते हैं। लेकिन सबसे ज्‍यादा जरूरी आपकी इच्‍छा शक्ति होगी।

 

• बिहार में राष्‍ट्रीय औसत से कम तंबाकू का सेवन

 

बिहार देश के कुछ ऐसे राज्य भी है जहां 2014 से ही तंबाकू सेवन पे पाबंदी लगा दि गई थी फिर भी आज भी वहा खुलेआम लोग बिना किसी डर के बेच रहे। हाल ही में इस प्रतिबंध को नए सिरे से फिर लागू घोषित किया गया है। एक साल पहले उपमुख्‍यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया था कि तंबाकू सेवन करने वालों का फ़ीसदी 53.5 से घटकर 25.9 हो गया है। ग्लोबल यूथ टुबैको सर्वे की बात करें तो बिहार में 7.3 प्रतिशत लोग इसका सेवन करते हैं। इनमे सबसे ज्यादा सेवन करने वाले छात्र/छात्राएं ही हैं। 8.5 प्रतिशत के राष्‍ट्रीय औसत से कम है। देश में बहुत लोग तंबाकू सेवन करते हैं, जैस, मिजोरम व अरुणाचल प्रदेश के 57.9 प्रतिशत और वही बिहार के पड़ोसी राज्‍यों की बात करें तो उत्‍तर प्रदेश की 22.9, पश्चिम बंगाल की 7.1 तथा झारखंड की 5.1 प्रतिशत आबादी तंबाकू का सेवन करती है।

 

° लड़कों की तुलना में लड़कियां ज्‍यादा लेतीं तंबाकू

 

गैट सर्वे के अनुसार लड़कों की तुलना में लड़कियां तंबाकू के ज्‍यादा सेवन करती पाई जा रही। आकेरे के अनुसार लड़के 6.6 फीसदी जबकि लड़कियां 8 फीसदी हो गई हैं। बिहार में लड़कियों के बीच तंबाकू के बढ़ते सेवन पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने चिंता जाहिर की थी।

 

कैंसर के अलावा भी तंबाकू खाने से हो सकती हैं कई गंभीर बीमारियां

 

तंबाकू को गोपालगंज के डा. संदीप कुमार ने बीमारियों की खान करार कर दिया है। उनका ये कहना है की इससे, दांत कमजोर पड़ जाते हैं और समय से पहले ही गिर जाते हैं। इसके सेवन से दांत-मुंह से संबंधित बीमारियां होने लगती हैं। इसके अलावा, ये आंखों की रौशनी भी कम कर देता है। तम्बाकू फेफड़ों के लिए भी बहुत खतरनाक है।तंबाकू का निकोटीन ब्लड प्रेशर भी बढ़ाता है। जब आप धूम्रपान करते हैं तो उसका धुंआ पूरे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। ये आंख, कान और फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसका सीधा संबंध मुंह से होता है इसलिए ज्यादा तंबाकू खाने से मुंह का कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।तंबाकू खाने वाले ज्यादातर लोग पूरी तरह अपना मुंह नहीं खोल पाते हैं। मुंह के अन्दर दोनों ओर सफेद लाइन कैंसर की तरफ बढ़ने का संकेत हैं। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये खतरनाक हो सकता है। तंबाकू के सेवन से व्यक्ति को निकोटीन की आदत पड़ जाती है और इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है। तंबाकू खाने वाले व्यक्ति को लगता है कि इसे खाने से उसे एक तरह की दिमागी शांति मिल रही है और वो इसका आदी हो जाता है। ऐसे लोगों को जब तंबाकू नहीं मिलता है तो वो बेचैन और परेशान हो जाते है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, तंबाकू सेवन करने वाली महिलाओं में गर्भपात की दर सामान्य महिलाओं से तकरीबन 15 फीसदी अधिक होती हैं। तम्बाकू सेवन के कारण महिलाओं में फेफड़ों का कैंसर, दिल का दौरा, सांस की बीमारी, प्रजनन सम्बन्धी विकार, निमोनिया, माहवारी से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होती है।

 

बड़ा सवाल: आखिर कैसे पाएं तम्बाकू के लत से छुटकारा?

तो आईये हम आपको बताते हैं की आप कैसे तंबाकू के लत से पा सकते हैं छुटकारा

 

* इच्‍छाशक्ति बहुत जरूरी:

हमारा सवाल ये है की आखिर तंबाकू के लत से छुटकारा कैसे पाएं? तो दोस्तो कोई भी नशा को छोड़ने के लिए इच्‍छा शक्ति का होना जरूरी होता है। गोपालगंज के डा. सदीप कुमार कहते हैं कि सालों की आदत आसानी से नहीं जाती, लेकिन यह भी सच है कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती, आगर आप कोई चिज़ ढान लो तो आप वो कर सकते हो। तो पहले मन में आत्मविश्वास बढ़ाएं। खुद पर भरोसा करना शुरू करें कि इस काम को फिर से नहीं दोहराएंगे। सिगरेट छोड़ चुके लोगों से बात करें, उनसे जानने की कोशिश करें की उन्होंने अपनी लत कैसे छोड़ी।

 

* आयुर्वेदिक चिकित्‍सक की राय:

मोतिहारी के आयुर्वेदिक चिकित्‍सक डा. भास्‍कर राय कहते हैं कि रक्त में निकोटिन के स्तर को क्रमश: कम किया जाना चाहिए। इसके लिए निकोटिन च्यूइंगम बेहतर विकल्प हो सकता है। जब भी धूमपान की तलब हो तो बारीक सौंफ के साथ मिश्री के दाने मिलाकर धीरे-धीरे चूसें और नरम हो जाने पर चबाकर खा लें। या अजवाइन नींबू के रस व काले नमक में दो दिन तक भिगो कर छांव में सुखाकर रखें और चूसते रहें। छोटी हरड़ को नींबू के रस व सेंधा नमक के घोल में दो दिन तक रखें और चूसते रहें।

 

*योग भी हो सकता है सहायक:

योग हमारे जीवन में बहुत आहें हैं। इसे आप बहुत सी बीमारियाँ से छुटकारा भी पा सकते है पटना की योग प्रशिक्षक पूनम कुमारी कहतीं हैं कि हम योग को जीवन में शामिल कर तंबाकू की आदत छोड़ सकते हैं। क्यूकी योग से हम अपने मन को शांत कर सकते हैं जिनसे हम किसी भी चिज में ध्यान लगाने में आसनी होगी। धूमपान छोरने के लिए हम बालासन, सेतुबंधासन, भुजंगासन और सर्वांगसन जैसे योगासन कर सकते हैं।

 

*मनोचिकित्सक की भी लें सलाह:

पटना की क्लिनिकल साइकोलोजिस्‍ट डा. बिंद सिंह कहती हैं कि तंबाकू की लत छुड़ाना मुश्किल तो है, लेकिन नामुमकिन नहीं। इसमें दवा के साथ मरीज की इच्छाशक्ति और उनके परिवार की भूमिका अहम होती है। नशा छोरने के लिए आपकी अच्‍छी मानसिक स्थिति का होना जरूरी है। कई बार तंबाकू छोड़ने वाला व्‍यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है। उसे घबराहट और छटपटाहट होने लगती है। लत छुड़ाने के लिए निरंतर प्रोत्साहन, काउंसिलिंग जरूरी है। शुरुआत में कुछ बेचैनी और असहज महसूस हो सकती है, लेकिन यह धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है।इसके लिए मनोचिकित्सक की सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।

 

आखिरी ये कहना है की हमें अपने आस पास के लोगो को जागरुकत करना होगा की ध्रूमपान या कोई तरह का भी नशा करना जान लेवा हो सकता है।

Leave a comment