पटना: शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के बीच अब बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत फर्जी शिक्षकों की पहचान की जाएगी। साथ ही उन पर कार्रवाई की जाएगी इन सब प्रक्रिया में थंब इंप्रेशन का बड़ा योगदान रहेगा।

बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति हुई

बिहार में शिक्षकों की बड़ी संख्या में नियुक्ति हुई है। यह नियुक्ति कुछ के लिए अपॉइंटमेंट प्रॉसेस के माध्यम से हुई है। इस दौरान शिक्षा विभाग को शक है कि पहले चरण की शिक्षक नियुक्ति में कुछ फर्जी दस्तावेज़ वाले टीचर भी शामिल हो गए हैं। इसलिए, उनकी जांच के लिए एक महीने तक चलने वाला मेगा ऑपरेशन दो जनवरी से शुरू हो रहा है।

इस ऑपरेशन के दौरान हर शिक्षक के डॉक्यूमेंट की डिजिटल और फिजिकल जांच की जाएगी। इससे पहले भी रैंडमली चेकिंग के दौरान कुछ शिक्षकों को पकड़ा गया था। अब शर्तों के मुताबिक, फर्जी शिक्षकों की पहचान करने की कार्रवाई शुरू होने वाली है।

Thumb Impression बनेगा ब्रह्मास्त्र

पटना: बिहार शिक्षा विभाग ने जनवरी 2024 से एक नई पहचान प्रणाली अपनाने का निर्णय लिया है। इस प्रणाली के अनुसार, बिहार लोक सेवा आयोग के विज्ञापन संख्या-26/2023 के माध्यम से नियुक्त विद्यालय अध्यापकों की पहचान के लिए Thumb Impression प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। इस प्रक्रिया के माध्यम से, फर्जी विद्यालय अध्यापकों की पहचान करना संभव होगा। इसके लिए गवाह के रूप में हेडमास्टरों की भूमिका दिया जाएगा, जो नवनियुक्त विद्यालय अध्यापकों का Thumb Impression का मिलान कार्य करेंगे। इस संबंध में जिला स्तर पर बुलाए जाने वाले शिक्षकों की संख्या का भी निर्धारण किया जाएगा, ताकि सभी नवनियुक्त विद्यालय अध्यापकों की पहचान की सत्यापन पूर्ण

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