भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता है, वो इसलिए नहीं की यहाँ लोग सोना ज्यादा पहनते है, बल्कि इस लिए की भारत देश की जमीन ही अपने आप में सोना है। इस जमीन पर अनाज रूपी सोना तो मिलता ही है, परंतु इसके गर्त में भी सोना दवा हुआ है।

हम बात कर रहे है माईन की याने खदानों की भारत के हर क्षेत्र में बहुत विशाल विशाल खदाने है। प्राकृतिक कोयले की खान, चुने के खान, लालमिट्टी की खान और ना जाने क्या क्या, परंतु अब भारत में सोने की (Gold Mine) की खोज भी कर ली गई है।

हम गर्व से कहते है कि हम भारतीय है, क्योंकि विश्व में बहुत से ऐसे देश है, जहाँ जमीनों पर कोई अनाज नहीं उगता और ना ही कोई माईन है। ऐसे में लोगो का गुजर बसर करना बहुत कठिन होता है। परंतु भारत में अंग्रेजो के आने से पूर्व सब कुछ बेहद अच्छा था। अंग्रेजो ने भारत की जमीन पर नील की खेती की जिससे कई क्षेत्रों की जमींन बंजर हो गई। उसकी उत्पादन क्षमता समाप्त हो गई।

हम कह सकते है कि अंग्रेजो ने हमारे देश को खोखला कर दिया, परंतु एक नई बात सामने आई है कि भारत के बिहार राज्य में सोने की माईन की खोज (Gold Mine In Bihar) कर ली गई है। जहाँ इतना सोना है कि भारत के हर क्षेत्र को पेरिस जैसा बनाया जा सके तो आइए, हम बात करते है इस माईन के बारे में क्या है यह बात सच है या फिर झूठ।

बिहार की सरकार का एक सबसे बड़ा फैसला माईन के खनन का

हर तरफ यही बात हो रही है कि ‘बिहार को KGF’ (KGF Of Bihar) मिल चुका है। आपको बता दें कि यह सच है कि माओवादियों के दबदबे वाले क्षेत्र बिहार के जमुई गांव में सोने से भरी एक माईन मिली है। इस गांव की लाल मिट्टी के नीचे इतना सोना दवा हुआ है कि आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते।

दूसरी तरफ़ अब बताया जा रहा है कि यह स्वर्ण भंडार देश के कुल सोने का लगभग 45 प्रतिशत है। इतने समय से यह बात दबी हुई थी, परंतु अब यह चर्चा में आया है, क्योंकि अब बिहार सरकार देश की इस सबसे बड़ी सोने की खान की खनन की स्वीकृति दे चुकी है।

इस बात की जानकारी मीडिया को राज्य के वरिष्ठ अधिकारी ने (28 मई, 2022) को दी एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने बिहार राज्य के जमुई जिले में लगभग 23 करोड़ टन सोना (230 million tons gold mine in Jamui) होने का दावा किया है। साथ ही सोने के आलावा करीब 37.6 टन खनिज अयस्क के होने की बात भी कही है। इन्ही सब बातों से नीतीश कुमार सरकार ने वर्तमान में जमुई (Jamui) जिले के उस क्षेत्र में सोने की खोज करने का फैसला लिया।

40 साल पहले चींटियों ने की इस माईन की खोज

लोगो का कहना है कि बिहार के जमुई में सोने के भंडार को खोजने में 40 साल से ऊपर लग चुके है और यह सब चींटियों (Ants) ने कर दिखाया, जो काम मनुष्य न कर सके उसे ज़मीन पर रेंगने वाली चींटियों ने कर दिखाया। यहाँ के लोग ने एक ऐसी कहानी बताई है कि चालीस वर्ष पूर्व इस क्षेत्र में एक बहुत बड़ा बरगद का पेड़ था।

 

गर्मी के मौसम में चींटियाँ गर्मी से बचने के लिए बरगद के पेड़ के नीचे अपना घर बनाना शुरू कर देती हैं। जब चीटियों ने जमीन के नीचे से मिट्टी को उठाना प्रारम्भ किया, तो वहां रहने वाले लोगो ने मिट्टी के साथ एक पीले रंग की धातु के छोटे छोटे कण देखे।इसी के बाद से यह खबर सब में फेल गई और यही से हुई खोज की शुरुआत।

जमुई गांव में कई जाचें हुई और सब ने बताया कि यहाँ बहुत अधिक मात्रा में सोना है

बिहार के जमुई जिले के बहुत से गाँवों के लोग बताते है और ग्रामीणों का भी कहना है कि आज से करीब 15 से 16 वर्ष पूर्व कोलकता राज्य से एक टीम आई थी। उन्होंने करमटिया क्षेत्र में सोना की खान होने की बात कही थी।

 

इसके बाद से ही इस क्षेत्र में कई प्रकार की जाँच हुई और सर्वे एजेंसियों ने भी जाचें कराई सभी जांचों में सिद्ध हुआ की जमुई जिले में एक बहुत बड़ा सोने स्रोत है। इस सोने की खान की चर्चा पिछले वर्ष लोकसभा में केंद्रीय खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी की थी। उस समय भी यह मामला काफी चर्चे में था। अब सोना को ऊपर लाने के लिए बिहार सरकार की ओर से स्वीकृति मिल चुकी है।

राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के साथ एजेंसियां खोज में लगी

एक जानकारी के अनुसार बिहार राज्य के जमुई जिले के करमटिया गांव झाझा गांव में भारी मात्रा में सोना और कुछ अयस्क होने के संकेत पिछले कई सालों से मिल रहे है। इस बात पर पक्की मुहर भूविज्ञान विभाग भी लगा चुका है। दूसरी तरफ बिहार का यह विभाग जमुई में सोने की खान की खोज के लिए जीएसआई और राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के साथ कई एजेंसियों से विचार कर खान की खुदाई की तैयारी कर रहा है।

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