शनिवार को जारी स्टेट रैंकिंग में सौ से अधिक नगर निकायों वाले राज्यों में बिहार 13वें नंबर पर है। बिहार के लिए सुकून की बात है कि गंगा किनारे के एक लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में बनारस के बाद मुंगेर को दूसरा और पटना को तीसरा स्थान मिला है। अन्य मोर्चे पर बिहार के शहर फिसड्डी साबित हुए हैं। दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शीर्ष 40 शहरों में बिहार का एक भी नहीं है। इस श्रेणी में पटना 44वें स्थान पर है। खुले में शौच से मुक्त वाले 2284 शहरों में बिहार के 24 शहर हैं।

 

गंगा किनारे के स्वच्छ शहरों में बनारस पहले स्थान पर

 

सर्वे में गंगा किनारे के एक लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में बनारस के बाद मुंगेर को दूसरे स्थान पर रखा गया है। पटना को तीसरा, हाजीपुर को सातवां, छपरा को आठवां, बेगूसराय को नौवां, बक्सर को 11वां, जमालपुर को 20वां, दानापुर को 24वां और भागलपुर को 40 वां स्थान मिला है। इसी श्रेणी में एक लाख से कम आबादी वाले देश के 43 शहरों में सोनपुर चौथा, सुल्तानगंज 16वां, बख्तियारपुर 18वां, तेघड़ा 19वां, फतुहा 22वां, मोकामा 27वां, बड़हिया 33वां, कहलगांव 34वां और बाढ़ 36वां स्थान पर है।

 

इंदौर लगातार पांचवीं बार सबसे स्वच्छ शहर राज्यों के मामले में छत्तीसगढ़ रहा अव्वल

 

नई दिल्ली, प्रेट्र : मध्य प्रदेश का इंदौर लगातार पांचवें साल देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रलय की ओर से शनिवार को ‘स्वच्छ सर्वेक्षण अवार्डस, 2021’ के विजेताओं को सम्मानित किया गया। सूरत भी दूसरे स्थान पर बना हुआ है। तीसरे स्थान पर इस बार विजयवाड़ा ने नवी मुंबई को पछाड़कर अपनी जगह बनाई है। राज्यों के मामले में छत्तीसगढ़ सबसे स्वच्छ है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने विजेताओं को पुरस्कार दिया। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी उपस्थित रहे। राष्ट्रपति ने कहा कि यह पुरस्कार इस बार इसलिए भी अहम हो गया है, क्योंकि हम आजादी के 75 साल होने के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव वर्ष मना रहे हैं। महात्मा गांधी स्वच्छता को ईश्वर भक्ति के तुल्य कहते थे। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत मिली सफलता साझा प्रयासों का परिणाम है।

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