गोड्डा-हंसडीहा 32 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण नहीं होने की वजह से पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन डीजल इंजन से हो रहा है। हालांकि विद्युतीकरण का काम चल रहा है। विद्युतीकरण कार्य मई में पूरा हो जाएगा। हालांकि कार्य 30 अप्रैल तक ही पूरा होना था। कार्य पूरा होने के बाद सीआरएस होगा। सीआरएस की हरी झंडी मिलने पर डीजल इंजन की जगह इलेक्ट्रिक इंजन जोड़कर ट्रेनों का परिचालन होगा। जून से इलेक्ट्रिक इंजन से सभी ट्रेनें चलने लगेंगी। इससे ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी।

वर्तमान में 40 की स्पीड से ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। इलेक्ट्रिक इंजन से चलने पर स्पीड बढ़कर 60 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाएगी। इससे समय की भी बचत होगी। यात्रियों को सुविधा होगी। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार गोड्डा-हंसडीहा को छोड़ भागलपुर-बांका-देवघर, जसीडीह-दुमका, दुमका-रामपुरहाट रेलमार्ग का विद्युतीकरण हो चुका है। गोड्डा-हंसडीहा रेलमार्ग का विद्युतीकरण नहीं होने के कारण ही भागलपुर-दुमका, भागलपुर-बांका-देवघर के बीच चलने वाली सभी पैसेंजर ट्रेनें डीजल इंजन जोड़कर ही चलाई जा रही है। यही नहीं गोड्डा-हंसडीहा रेलमार्ग का विद्युतीकरण होने के बाद ही इन रेलखंडों में ईएमयू का परिचालन भी शुरू करने की योजना है। वर्तमान में सिर्फ कवि गुरु एक्सप्रेस ही इलेक्ट्रिक इंजन से चल रही है।

 

फ़ायदा भागलपुरवासियों को.

  • शॉर्ट रेंज टूरिज़म
  • मात्र 2 घंटे की दूरी पर सम्पन्न AIRPORT
  • बाबा धाम दर्शन कर उसी दिन लौट आने में नही होगा दिक़्क़त
  • बढ़ेगा व्यवसाय करने वाले लोगों का दायरा

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1 Comment

  1. Good initiative
    Good for people of our smart city Bhagalpur
    Connectivity from Deoghar should be better…. but our politicians failed to take initiative for an Airport at Bhagalpur

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