बिहार में शिक्षकों के वेतन में लेटलतीफी की कहानियां आम है. बिहार में शिक्षक बनने का मतलब है कि यह पहले से समझ लेना कि आपका वेतन किसी पर्व त्यौहार या किसी सरकारी कार्य योजना पर ही मिलेगा.

 

बिहार में लगातार 4 साल से शिक्षकों के वेतन के भुगतान नहीं करने पर अब बिहार के हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है. हाई कोर्ट ने नया आदेश जारी करते हुए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के साथ-साथ जिला के सभी शिक्षा पदाधिकारियों के वेतन भुगतान पर रोक लगाया जाए.

 

बिहार के वित्त सचिव को यह निर्देश दे दिया गया है कि उक्त आदेश में आने वाले सारे अफसरों के वेतन पर रोक लगी रहेगी.

बिहार में नियोजित शिक्षकों के ऊपर लगातार काम का बोझ डाला जाता रहा है और जब भी वेतन देने की बारी आती है तब उनके ऊपर कई प्रकार के सवाल उठाते हुए और मामला सरकार से अप्रूवल इत्यादि का बताते हुए वेतन पर रोक लगा दिया जाता है हालांकि अब इस पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है और उम्मीद है कि जल्द ही नियोजित शिक्षकों को उनका मानदेय मिलेगा.

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