प्रवर्तन निदेशालय (ED) सूबे में मनरेगा से जुड़ी योजनाओं में करोड़ों की हुई हेराफेरी से अकूत संपत्तियां बनाने वाले एक दर्जन से अधिक अधिकारी, मुखिया और संवेदकों की कुंडली खंगालने में जुट गया है। डांड़ खुदाई, फर्जी जाब कार्ड से निकासी, बिना मिट्टी भराई और ईंट सोलिंग के ही सड़क निर्माण की राशि निकासी और मनरेगा से जुड़ी अन्य योजनाओं में अनुचित लाभ कमाकर अकूत संपत्ति अर्जित करने को लेकर मिली आनलाइन शिकायत के बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव ने ऐसे दागियों की बाकायदा सूची तैयार की है। मामले में सचिव ने ईडी को पत्र लिखा है। उसके बाद ईडी की टीम सूबे के उन दागियों से जुड़ी संपत्तियों का पता लगा रही है।

दागियों की सूची में इनके भी नाम शामिल

दागियों की सूची में अधिकारी, मुखिया और संवेदकों में अजीत कुमार, दिलीप चौधरी, उषा देवी, रजनीकांत कुमार, इंजीनियर रमेश आजाद, गिरीश कुमार, शांति देवी, शशि मेहता, इंजीनियर भानु प्रकाश, संजय ठाकुर, नवल मंडल, अशफाक अली आदि के नाम शामिल हैं। जांच की जद में आए भागलपुर- बांका जिले में तैनात रहे पदाधिकारी, संवेदक और मुखिया जिनके कार्यकाल में लाखों की अवैध राशि की बंदरबांट होती रही।

बांका के कटोरिया, अमरपुर आदि क्षेत्र से जुड़ी योजनाओं की शिकायत पर जांच की जा रही है, जबकि भागलपुर जिले के पीरपैंती प्रखंड में मानिकपुर, ओलापुर और प्यालापुर पंचायत में मनरेगा कार्य में बड़े पैमाने पर धांधली की शिकायत की गई थी। इनमें मानिकपुर पंचायत की मुखिया उषा देवी के कार्यकाल में भारी वित्तीय अनियमितता की जांच ईडी के जांच की जद में है। मामले में पदाधिकारियों की मदद से करोड़ों की कथित हेराफेरी करने की शिकायत पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव ने गंभीरता से लेते हुए इस मामले को भी जांच के दायरे में शामिल किया है।

भागलपुर-बांका में डांड़ खुदाई, बिना मिट्टी भराई और ईंट सोङ्क्षलग के ही सड़क निर्माण की राशि का गबन के अलावा फर्जी जाब कार्ड बनाकर लाखों की राशि का बंदरबांट किये जाने की शिकायत पर जांच से दबी फाइलें खुलते ही कई योजनाओं का सच सामने आ जाएगा।

जांच के दायरे में बेशकीमती भूखंड, फ्लैट और दूसरे राज्यों में निवेश

मनरेगा योजना में अनियमितता से अर्जित की गई अकूत संपत्तियों जिनमें बेशकीमती भूखंड, फ्लैट और झारखंड समेत अन्य राज्यों में किए गए निवेश को जांच के दायरे में रखा गया है। बताया जा रहा है कि जांच के दायरे में आने वाले दागियों की चल-अचल संपत्तियों का बीते दस सालों का लेखा-जोखा जुटाया जा रहा है। जल्द ही मामले में बड़ी कार्रवाई सामने आने की संभावना है।

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